मेरे देश की वीरंगना
कामनी तू दामिनी तू
मेरे हिन्द की तू गामिनी तू
शारदे तू भारती तू
मेरे वीरों की तू आरती तू
काली तू चण्डी तू
माँ मेरी सप्त अखंडी तू
रानी लक्ष्मी तू जीजा माता तू
वीर सपूतों की जननी तू
हाथ में तिरंगा तेरे
दायें कंधे बांह में राईफल तेरे
चले कदम से कदम तेरे
दायें बायें हर पल संग तू
तिरंगा रहे सदा लहराता
बन दे अपने आँचल को पतंग तू
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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