मेरा बचपन मुझसे (हैपी बर्थ-डे बेटा आयुष बा. ध्यानी )
फिर एक बार मिला
मेरा बचपन मुझसे
आज वो खिल खिला
ध्यानी गमले में खुद से
दो मुबारक मुझे
जन्म दिवस है आज तेरा
आज मुझे पिता हो ने
का दर्जा दिया तू ने
हँसता है वो
तो मैं भी हंस लेता हूँ
मेरी नकल करके
मुझे नयी शक्ल दे देता है
आती है उभरकर उस में
कई दबी दफन शैतानी मेरी
जमकर बरसी थी कभी
मेरे माँ पिताजी पर मेहरबानी मेरी
हर अंदाज वो मेरा बयां करता है
हर मोड़ पर वो आ मुझ से मिलता है
हंसकर कभी रो कर बातें कर जाता है
गुदगुदा मेरा दर्द हलका कर जाता है
जी लेने दो मुझे इन पलों में फिर से
नई उमंग नये रसों को पि लेने दो फिर से
आज जन्मदिन है पुत्र आयुष ध्यानी तुम्हरा
अपना जन्मदिन समझकर मना लेने दो फिर से
हैपी बर्थ-डे बेटा आयुष बा. ध्यानी
आपके पिताजी द्वार ढेर सार प्यार और आशीर्वाद
बालकृष्ण डी ध्यानी
बालकृष्ण डी ध्यानी
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