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जब से देखी तेरी मुखडी


जब से देखी तेरी मुखडी

जब से देखी तेरी मुखडी
मा वा जून की जुन्याली
अंधारू उजाळु व्है जांदी
जब वा आपरी नजरि मिलांदी
जब से देखी तेरी मुखडी

माया इनि लगोंदी छुची
आँखों दगडी वा इनि ब्चांदी
दन्त पंक्ति हैंसी देख्दा देख्दा
विं ग्लोडी ये दिल लुची जांदी
जब से देखी तेरी मुखडी

बांदों मा की बांद छे या
सरगा बाटू ऐ क्वी तू अछेरी
मी बना दे अपरू जीतू बग्वाल
मेर बांसुरी व्हैगे अब से तेरी
जब से देखी तेरी मुखडी

क्या क्या जतन करू मी
कण कणके ते थे मी मनेऊ
कब तेरी मया व्हाली मेरी
दिन राती तेरा सुप्निया सजेऊँ
जब से देखी तेरी मुखडी

जब से देखी तेरी मुखडी
मा वा जून की जुन्याली
अंधारू उजाळु व्है जांदी
जब वा आपरी नजरि मिलांदी
जब से देखी तेरी मुखडी

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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