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मेरा वेलेंटाइन देखो कितना ये अनोखा है



मेरा वेलेंटाइन देखो कितना ये अनोखा है

दूसरों की ख़ुशी में ख़ुशी हमारी हैं
ये छोटी छोटी आँखें मुझसे कुछ कह जाती हैं
रिश्ता कुछ ऐसा उनका और मेरा है
मेरा वेलेंटाइन देखो कितना ये अनोखा है

वो बीच की दो निगाहें मुझ में कुछ खोजती हैं
अपने मन के घेरे से शायद वो उठना चाहती हैं
हंसी की खिल खिल उनकी मेरी वो फुलवारी है
मेरी और उनकी दोस्ती देखो सबसे जग न्यारी है

कुछ समय उनको दे हमारा क्या कुछ जाता है
कल का इनका भविष्य संवार जाये बस ये इरादा है
खुशियों के पल इनको सदा ऐसे ही मिलते रहे
काँटों पर भी ये कलियाँ सदा ऐसे ही खिलते रहे

दूसरों की ख़ुशी में ख़ुशी हमारी हैं
ये छोटी छोटी आँखें मुझसे कुछ कह जाती हैं
रिश्ता कुछ ऐसा उनका और मेरा है
मेरा वेलेंटाइन देखो कितना ये अनोखा है

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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