अब आप कब बोलोगे
मै भी बोलूं गढ़वाली
तू भी बोले गढ़वाली
मेरु प्राण मि छु गढ़वाली
मेरु माँ बोली गढ़वाली
हरी का हरिद्वार बोले गढ़वाली
बद्री-केदार बोले गढ़वाली
पहाड़े का चुला बोल्दा गढ़वाली
बोई बगदी गंगा धार बोलणि गढ़वाली
यूँ ऊकाळ बोलणु गढ़वाली
भगवती कु मंडाण बोल्णु गढ़वाली
उत्तरे की ई बयार बोलणि गढ़वाली
देब्तों पितृों को ठों बोलणि गढ़वाली
देब्तों का जगार जगणा गढ़वाली
तीज तिहयोर् बोलणा गढ़वाली
माँ नन्द की डोली बोलणि गढ़वाली
पुंगडा चौक गौं पंतेद्र बोलणा गढ़वाली
मैत सौरास बोलणु गढ़वाली
बोई की मुखडी बोलणि गढ़वाली
पौड़ी बाजार रानीखेत बोलणु गढ़वाली
मन कु मनखी बोलणु गढ़वाली
घघुति हिलांस बोलणि गढ़वाली
काफल बुरांस बोलणि गढ़वाली
यु सरग यु अकास बोलणु गढ़वाली
ये धरा ये ढुंगा माटी बोलणि गढ़वाली
कन बिसरी गे तू गढ़वाली
नै पीढ़ी कैल नि सीकाणी तू गढ़वाली
जगी जा उत्तराखंड सरकार गढ़वाली
बोळी थे भाषा बना दे तू मेर गढ़वाली
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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