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आ मेरे गांव में कभी


आ मेरे गांव में कभी

हर शहर तेरा बदनाम है
इस से भला तो मेरा गांव है

झूठी शान में गुमशुदा है तू
बस असलियत मेरी पहचान है

दिल बातें दिल अन्दर तेरी
मुख में मेरा अब भी राम राम है

इतना पा कर और तुझे पाना
कुछ नहीं हर हाल मेरा हाल है

तेरे इश्क के कई बदनाम दीवाने
मेरे घर से निकले हैं उनके ठिकाने

हर शख्स यंहा गुमनाम है
मेरे गाँव में अब भी मेरा नाम है

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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