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मेरी बातें तो करती होगी


मेरी बातें तो करती होगी

मेरी बातें तो करती होगी
खुद से ही वो कहती होगी
मेरी बातें तो करती होगी

एक बिंब को देख देखकर
कभी हंसती कभी वो रोती होगी
मेरी बातें तो करती होगी

दिख जाता होगा ये चेहरा मेरा
लज्जा संकोच में घिर जाती तो होगी
मेरी बातें तो करती होगी

चूल्हे पर जब वो होगी बैठी
याद की वो रोटी मेरे संग सेंकती होगी
मेरी बातें तो करती होगी

छा जाता होगा जब ये अंधेरा
प्रात:काल तक वो राह हेरती होगी
मेरी बातें तो करती होगी

प्रेम के इस लंबे इन्तजार में
कैसे वो अकेले दिन रात काटती होगी
मेरी बातें तो करती होगी

एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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