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बहुत याद आता है वो गांव मेरा


बहुत याद आता है वो गांव मेरा

बहुत याद आता है वो गांव मेरा
बहुत याद आता है वो गांव मेरा
अकेले में आ कर मुझे बहुत रुलाता है गाँव मेरा
बहुत याद आता है वो गांव मेरा

वो अपनापन याद दिलाता है वो गांव मेरा
वो अपनों को साथ लेकर पास आता है वो गांव मेरा
इस पराये देश में मुझे अपना बनाता वो गांव मेरा
बहुत याद आता है वो गांव मेरा

वो एक एक कोना वो बिस्तर वो मेरा बिछोना वो गांव मेरा
वो एक साथ हम सबका मिलकर सोना वो गांव मेरा
कहाँ खो गया वो मेरा अँध्यारी रातों का गहना वो गांव मेरा
बहुत याद आता है वो गांव मेरा

बहुत याद आता है वो गांव मेरा
अकेले में आ कर मुझे बहुत रुलाता है गाँव मेरा
बहुत याद आता है वो गांव मेरा

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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