वो घरबार मेरा वो पहाड़ मेरा
कुछ दूर रखा था वो पास मेरे
वो ही साथ रहा हर बार मेरे
वो ही प्यार तेरा वो दुलार तेरा
वो घरबार मेरा वो पहाड़ मेरा
मैं भूला पर वो साथ साथ रहा
मेरे आगे पीछे वो मेरे पास रहा
आँखों का वो मेरे तो साज रहा
वो घरबार मेरा वो पहाड़ मेरा
मेरे दिल का वो एक मंदिर है
मेरी आस्था का वो एक साहिल है
वो मेरा भगवान मै पुजारी हूँ
वो घरबार मेरा वो पहाड़ मेरा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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