ADD

ये है मेरे उत्तराखंड की बेटी



ये है मेरे उत्तराखंड की बेटी

कहीं चूड़ियाँ दमकी
कहीं पायल है खनकी
ये है मेरे उत्तराखंड की बेटी
तू भी देख ले उनकी शक्ती

निश्छल प्रेम है उनका
शांत सुन्दर तेज है उनका
सहज स्वभाव की वो स्वामिनी
अत्यंत प्रबल कार्य गामिनी

श्रृंगारों की मधुर धार
चंचल नयनों की वो कटार
मुख से झलके संस्कृति का प्यार
नथुली बिंदी झुमका मांग टिका साथ

संपूर्ण खोज है वो जीवन की
मेरे इस पत्थरों के मधुबन की
श्यामल ममता की वो हरयाली
मेरे ऊँचे निचे पहाड़ों की वो क्यारी

गुलूबंद का वो गालों का हार
उससे ही बंधा पड़ा है मेरा सारा पहाड़
छोटी से कविता है उनके लिये
कैसे कोई उन्हें एक धागे में पिरो सके

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ