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मेरे देश का रंग हो सबसे अलग



मेरे देश का रंग हो सबसे अलग

मेरे देश का रंग हो सबसे अलग
सबसे अलग हो वो सबसे जुदा

जहां ना आँसूं रहे
ना आँखों में पानी कोई
ना व्यर्थ बह जाये
यहं जवानी कोई
बस निर्मल मन हो
जैसे गंगा जल हो बहता ही जाये बहता ही जाये

मेरे देश का रंग हो सबसे अलग
सबसे अलग हो वो सबसे जुदा

आशीषों की बरसात
यंहा सदा बरसती रहे
नेमतों का वो दौर
बस यंहा यूँ ही चलता रहे
फिक्रमंद हो ना कोई अकेला
तन्हा ना रहे कोई यंहा बस यूँ ही लगता रहे मेला बस लगता रहे मेला

मेरे देश का रंग हो सबसे अलग
सबसे अलग हो वो सबसे जुदा

हरे भरे वन हो
फूलों से सदा खिलता मधुबन हो
प्रगति के नाम पर ना हो कोई लूट
मेहनत करे उसे मिले छुट
सपना मेरा ये जल्द फलित हो जाये
अब देर ना हो जाये चलो करो साकार चलो करो साकार

मेरे देश का रंग हो सबसे अलग
सबसे अलग हो वो सबसे जुदा

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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