कैसे लिखूं कविता माँ
कैसे लिखूं कविता माँ
मै तुझ पर अब माँ मेरी
माँ लिखना इतना बस मेरा
वो माँ तेरी कविता हो गया
भोर की किरण वो लिखूं मै
या रात का वो आँचल लिखूं
आँखों में तेरे मेरा दिखना बस
वो माँ तेरी कविता हो गया
मुझे माफ़ कर देना
ये मेरी जिद है वो मेरी माँ
कितना प्यार है मुझे तुझसे वो लिखा
वो माँ तेरी कविता हो गया
अब ना होना हम जुदा
तेर बाँहों के झूले में मुझे झुला
वो तेरा लोरी गाना मुझे सुलाना
वो माँ तेरी कविता हो गया
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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