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बहते ही जा और कहते ही जा


बहते ही जा और कहते ही जा

बहते ही जा और कहते ही जा
इन आँखों से इन आँखों से वो बहने वाले पानी
बहते ही जा और कहते ही जा

वो बहते हुये आँसूं सुन जा मेरी भी
दर्द कहूँ तुझे या सिर्फ कहूँ बहता पानी
आये कहाँ से तू ले मुझे जाये कहाँ पे
अहसास बांध का वो बस पल पल बहा

बहते ही जा और कहते ही जा
इन आँखों से इन आँखों से वो बहने वाले पानी
बहते ही जा और कहते ही जा

कहाँ पर जमा है तू इकठा हुआ है
गम हो या ख़ुशी हो तू सिर्फ तो बहा है
अकेल चुप चुप है साथ कोई है तो शोर है
गज़ब तेरे नखरे कमाल तेरा सवाल है

बहते ही जा और कहते ही जा
इन आँखों से इन आँखों से वो बहने वाले पानी
बहते ही जा और कहते ही जा

कैसी तू सहेली अज़ब सी तू पहेली
ना जान पाया कोई वो तेरे एक एक अनमोल बोल
हीरे जैसे चमकने वाली चेहरे पर से ढलकने वाली
नमकीन मगर तू फिक्रमंदों की घड़ी सी

बहते ही जा और कहते ही जा
इन आँखों से इन आँखों से वो बहने वाले पानी
बहते ही जा और कहते ही जा

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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