ADD

इसी को तो कहते है ना ............ जिंदगी



इसी को तो कहते है ना ............ जिंदगी

अपने पे हँस के
हम ने जग को है हँसाया
अपने पे हँस के
हम ने जग को है हँसाया
दो गिरते वो आंसू हमारे
हम ने ऐसे ही छुपाया
अपने पे हँस के

देख ले ना कोई उसे
हमने उस पे एक और चेहरा रंगाया
देख ले ना कोई उसे
हमने उस पे एक और चेहरा रंगाया
कितने बार गिरे उछले हम
हमने हर बार वो अपना दर्द छुपाया
अपने पे हँस के

कितनी शिद्त से लगे रहे हम
हर हाल में हम ने चाह तुम्हे हँसाना
कितनी शिद्त से लगे रहे हम
हर हाल में हम ने चाह तुम्हे हँसाना
मेहनताना हमारा वो ही है
जब दिख जाता तुम्हरा खिल-खिलाना
अपने पे हँस के

हर हँसी वो तेरी
दे जाती वो मुझे अनजाने में कितनी ख़ुशी
हर हँसी वो तेरी
दे जाती वो मुझे अनजाने में कितनी ख़ुशी
बैठे अब अकेले सोचता हूँ मै
इसी को तो कहते है ना जिंदगी
अपने पे हँस के

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ