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मेरा पहाड़ की बात और कुच चा



मेरा पहाड़ की बात और कुच चा

मेरा पहाड़ की बात और कुच चा
नि बोल सकदु ना बिंग सकदु विंको स्वाद कुच और्री चा
मेरा पहाड़ की बात और कुच चा

शीर्ष पर हिमाला बस्युं चा
यूँ ह्युं चुलं यूँ डंडा कन्डोंमा घिरियूं चा
क्या बात कैरुं विंकी मि विंकी बात ही कुच और चा
कन बगनी गंगा की धारा
छ्ल छ्ल क नु मेरु पियार कुच और चा

मेरा पहाड़ की बात और कुच चा
नि बोल सकदु ना बिंग सकदु विंको स्वाद कुच और्री चा
मेरा पहाड़ की बात और कुच चा

ये नीलू सरग ये खुलु आक्स
ये रंगमत यख चौधिस् मौल्यार
हर एक फूलों मां वा हैंस्दी रैंदी विंकी बात ही कुच और चा
ढोल दामो झुमैलो छोलिया कि ये बयार चा
मेरु मुलका मेर लोक नृत्य गीतों कु रास्यांण चा

मेरा पहाड़ की बात और कुच चा
नि बोल सकदु ना बिंग सकदु विंको स्वाद कुच और्री चा
मेरा पहाड़ की बात और कुच चा

यख भगवती कू मंडाण
पितृ देबों कू ठों और्री जागर कू जगाण
ब्यो बारात मेल खोलों पिंगली जलेबी बाल मिठै विंकी बात ही कुच और चा
मीठा किन्गोड़ा काफल हिंसोलों कू ये पहाड़
मेरु मैता सौरास कु एक जनि लाड पियार

मेरा पहाड़ की बात और कुच चा
नि बोल सकदु ना बिंग सकदु विंको स्वाद कुच और्री चा
मेरा पहाड़ की बात और कुच चा

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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