देबता जंदु च
जो भी बुरो-भलो च देबता जंदु च
मनखी कु जीकोडी मा कया च देबता जंदु च
यु सर्ग-ऊ-नर्क च देबता जंदु च
मन कू भित्र-भैरी कया लुक्युं च देबता जंदु च
जैकी वख क्वी परति कि नि आंदु
ऊ ठौर कख च देबता देबता जंदु च
पाप पुण्य थे आपल क्द्गा ही लुकैई
देबता थे पता च देबता जंदु च
ये घाम- छैलू देखा ये सुबेरे-ब्योखों देखा
किले सब यख हुनु च देबता जंदु च
भाग्य कू नौ थे त सब जणदा छन तरी
भाग्य मा कया लिख्युं च देबता जंदु च
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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