ADD

किलै ना ना देखे स्की





किलै ना ना देखे स्की

रति ये नींदि थे ना मि सुलै स्की
सुबेरी थे किलै ना मि ऊजाळु देखे स्की
अपरू मुख मि कैथे भी ना देखे स्की
भागी भागी मि बस भागी रे

कदो झोंगॉर किलै ना मि खै स्की
छुयों कू थन्दू-मिथु पाणी किलै नि पी स्की
मुला कंडली कू सागा किलै ना पचै स्की
अपरू दगड मि किलै ना मिसै स्की

काद्गा सवालों कू उत्तर किलै ना मि दे स्की
ये पोट्गी की आग किले ना बुझै स्की
अंख्यों थे अंख्यों दगडी अब किलै ना मिले स्की
देवभूमि मा जन्मी की भी किलै रुं मि अभागी

रति ये नींदि थे ना मि सुलै स्की
सुबेरी थे किलै ना मि ऊजाळु देखे स्की
अपरू मुख मि कैथे भी ना देखे स्की
भागी भागी मि बस भागी रे

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ