मेरि गौड़ी की छनि मा
मेरि गौड़ीयों की छनि मा
वख एक बिगरेली बछि भी रैंदी च
वैमा एक लेंदी गौड़ी भी च
दोई बल्दा की जोड़ी भी च
बकरों की फौजा च वे छनि मा
ऊँ का बीच मा वा भी रैंदी च
मेरि गौड़ीयों की छनि मा
वख एक बिगरेली बछि भी रैंदी च
लल्या रंगा की वि मा भूरि चा
सफेद रंगा कू वि मा धुरी चा
हिमवंती डोली जनि वा लगनी
मात रानी जनि वा दिखनी चा
मेरि गौड़ीयों की छनि मा
वख एक बिगरेली बछि भी रैंदी च
आँखों मा विंका उल्ल्यार देखा
गलोड़ी मा छयों ऊ मौल्यार देखा
विं कनुडी देखी ये कंठ खुलगेनी
माँ माँ कैकि में दगडी बचानी चा
मेरि गौड़ीयों की छनि मा
वख एक बिगरेली बछि भी रैंदी च
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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