आओ राज्य गठन के शहीदों का सपनों का उत्तराखंड बनायें
आओ राज्य गठन के शहीदों का सपनों का उत्तराखंड बनायें
ना टिहरी ना अल्मोड़ा ना पौड़ी इन्हे चलो मिलाकर एक बनायें
आओ राज्य गठन के शहीदों का सपनों का उत्तराखंड बनायें
पंद्रह बरस भागे अपने से एक जोर से आवाज देके उसे बुलायें
नवंबर की इस पावन बेला को मिलकर चलो आज साथ मनायें
आओ राज्य गठन के शहीदों का सपनों का उत्तराखंड बनायें
कोदो मंडवा खायेंगे क्यों ना हम अब अपना उत्तराखंड सजायेंगे
चलो मिलकर एक सुर में गायेंगे और भी अपने भाई बहन आयेंगे
आओ राज्य गठन के शहीदों का सपनों का उत्तराखंड बनायें
देहरादून गैरसैण में हम पहाड़ी तनिक भी फर्क ना आने देंगे
शहीदों के सपनों की राजधानी लेकिन हम पहाड़ पे ही बनायेंगे
आओ राज्य गठन के शहीदों का सपनों का उत्तराखंड बनायें
पलायन की इस बहती गंगा में हम रोजगार का बांध लगायेंगे
स्वरोजगार बीज से हम खंडहर घरों बांज खेतों को लहलहायेंगे
आओ राज्य गठन के शहीदों का सपनों का उत्तराखंड बनायें
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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