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थग्ल्या लग्यां जिंदगी मा


थग्ल्या लग्यां जिंदगी मा

थग्ल्या लग्यां जिंदगी मा.... २
कन और्री कब
बैठ्युं रैग्युं
बैठ्युं रैग्युं लिखणु इन सिलाणु थे
जबेर जबेर लगि तब
थग्ल्या लग्यां जिंदगी मा
थग्ल्या लग्यां थग्ल्या लग्यां

कबै जामा मेरी मोरिगे छे
कबै आपा मेरी ख्वैगे छे
खोजी खोजी यख वख वैथे मिल
तबैर और्री थग्ल्या पौड़ीगे छे
थग्ल्या लग्यां जिंदगी मा
थग्ल्या लग्यां थग्ल्या लग्यां

भाग मेरा ये करमा का छन
काप्ला इन रेघया कैल रेट्या छन
जमै नि थे ना गमै मि थे
किले लगलूँ का इन थग्ल्या पौड्या छन
थग्ल्या लग्यां जिंदगी मा
थग्ल्या लग्यां थग्ल्या लग्यां

जद्गा सिल्दु वद्ग चिरड्या छन
अपरा अपरी मा धागा लग्या छन
हर्ची गै कै सुख अब कै दुःख मा
थग्ल्या आपरी गिनती गीणा छन
थग्ल्या लग्यां जिंदगी मा
थग्ल्या लग्यां थग्ल्या लग्यां

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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