वो तेरा किया पाप जब खुद बोल जायेगा
जलेगा हर कोई अपने ही पाप में
कर्म के उस ना बोले इन्साफ में
भूल की भी होगी तेरी सुनवाई
कृत्य पर अवश्य होगी कार्यवाही
आईना सोच ना तू बच जायेगा
रुक जा तू जब पापा घड़ा तेरा भर जायेगा
तब निकलेगा वो तीर कमान से
नाभि रूप आईना चकना चूर हो जायेगा
इस अहम से ना जीत पाया रे कोई
सत्य से आँखें ना चार कर पाया रे कोई
अपने ही आप तो जलेगा एक दिन
जब तेरा किया वो पाप तुझे हरपल छलेगा
ख़ुशी मना ले तू अब दो चार पल की
जलते पुतले की राख होते उस क्षण की
अपने को खड़ा एक दिन तू जरूर वंहा पायेगा
वो तेरा किया पाप जब खुद बोल जायेगा
वो तेरा किया पाप जब खुद बोल जायेगा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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