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देखो प्यार करने का मौसम आ गया



देखो प्यार करने का मौसम आ गया

देखो प्यार करने का मौसम आ गया
नजरों को चार करने का मौसम आ गया

चलो ठंडी ठंडी गुलाबी हवा अब वहां बहने लगी है
अब उस प्रेम को इजहार करने का मौसम आ गया

बर्फ ही बर्फ अब बिछ रही उन पहाड़ों की चोटियों पर
मुझमे दफन हुई उम्मीदों को आग देने का मौसम आ गया

सुनहरी धुप खिली है दूर तक उन हसीन वादियों में
चलो अब उनके साथ साथ चलने का मौसम आ गया

दरख्तों पर उन किरणों को जो देखा मैंने जब लिपटे हुये
अब लगा उनको अपने आगोश में लेने का मौसम आ गया

देखो प्यार करने का मौसम आ गया .... ३

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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