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चलो बातें दिल की सुनाऊँ मैं आज



चलो बातें दिल की सुनाऊँ मैं आज

चलो बातें दिल की सुनाऊँ मैं आज
अपने दिल से तुम्हें मिलाऊँ मैं आज

कोई नहीं है ,नजरों ने कही है
चुपके चुपके दिल ने की दिल से ये बात
आज से अभी से तुम भी अपने दिल से
कर लो ना ये शुरुवात
मानलो ना मानलो तुम मेरी ये बात
ये है सुखद स्वप्नों की बारात

हर वक्त वो मिलेगा हर वो ग़ुल खिलेगा
हँसता चेहरा पल पल तुम से आ के मिलेगा
देखो ना देखो ना करना तुम इनको इनकार
ये है मेरे प्रेम की पहली बसंत बहार
आ जाओ ना आ जाओ तुम मेर साथ
वो मेरे प्रेम सुन लो ना मेरी पुकार

मीठा दर्द जाग है आज,कोई इसके पीछे भाग है आज
काँटों भरा ये फूलों का ताज
मौसम का भी जगा है आज रंगीनी मिजाज
अठखेली लेती अब तो आ जाओ ना तुम
कर दो ना कर दो अब तुम अपने स्नेह की बरसात
तृप्त होने क्यों रह रहकर मन ललचा रहा आज

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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