ADD

आलू टमाटर भिन्डी गोभी



आलू टमाटर भिन्डी गोभी

आलू टमाटर भिन्डी गोभी
हो गयी है सब गोल
गायब हो गयी दाल हमारी
वो प्याज तेरा क्या मोल

मुर्गे की अब सुनता है दिल
जब फुर्र उड़ गयी ये दाल
दाल बराबर मुर्गी है अब
है ना ये अब अनोखा मेल

अच्छे दिन की ये मारामारी
बरसों की है ये बची उधारी
कैसे ना कैसे उभर आयेगा ये
देख खेल रहा समय सारा खेल

आलू टमाटर भिन्डी गोभी ......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ