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चलो मौसम बदलने वाला है


चलो मौसम बदलने वाला है

चलो मौसम बदलने वाला है
पहाड़ की चोटियों पर अब ठंडी बर्फ बरसने वाली है
शुष्क गर्मी से वो देगी छुटकारा
बरखा से मिला था जो थोड़ा सहारा
शीत लहर गूंजेगी इन हवाओं में
सर्द बहेगी इन फिजाओं में
जल श्रोत इन राहों के ठोस हो जाएंगे
तब हर वो तन मन जन ठिठुरेगा
आग की लपटों में वो अब झुलसेगा
सुबह अब थोड़ी और देर से जागेगी
रातें और थोड़ी देर हमारे संग अँधेरे में भागेंगी
उस सुबह में धुंध की एक लहर बिछी होगी
ओस की नम आँखों में वो कमी दबी होगी
उसे उस किरण का बेसब्री से इंतजार होगा
वो सूरज ना जाने आज उसका कहाँ छुपा होगा
आलस से थमी रोकी जिंदगी जवाँ होगी
मोहब्बत ही मोहब्बत अब यंहा होगी
फिर भी हमे ना रोकना है
किसी औरों के आगे ना झुकना है
आलस त्याग अपने कर्म पथ पर
सदैव निरंतर यूँ ही आगे बढ़ना है आगे बढ़ना है
चलो मौसम बदलने वाला है .......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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