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कुछ पल ऐसे होते हैं



कुछ पल ऐसे होते हैं

कुछ पल ऐसे होते हैं
जब हम लाचार हो जाते हैं
क्या करें क्या ना करें उस पल
हम कुछ समझ ना पाते हैं
कुछ पल ऐसे होते हैं ..............

बहुत कुछ करना चाहते हैं
पर कुछ नहीं कर पाते है
एक पग भी हम आगे उस पल
ना जाने क्यों बढ़ा नहीं पाते हैं
कुछ पल ऐसे होते हैं ..............

बंध सा जाता है वो पल
ना जाने वो किस ख्याल से
कौन लगा देता उस पल में
बेड़ियां आ के हमारे ख्याल पे
कुछ पल ऐसे होते हैं ..............

शायद मैं अपनी नहीं
यहां पर सबकी बात करता हूँ
ऐसा मेरा साथ ही होता है क्या
या होता ऐसा सबके साथ है
कुछ पल ऐसे होते हैं ..............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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