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भावनाएँ


भावनाएँ

कुछ ऐसी बात है वो
वो दिन है और रात है वो
एक सुन्दर सा अहसास है वो
रहता सब के पास है वो
कुछ ऐसी बात है वो .............

ना देख सके उसको कोई
छू भी ना सके उसको कोई
दिल बस महसूस करता उसे
इस तरह सदा साथ रहता है वो
कुछ ऐसी बात है वो .............

जिंदगी का अनोखा राग है वो
नौ भावों में से एक भाव है वो
बहुत ही विरला उसका स्वभाव है वो
जी भर के जी लो जिसके पास है वो
कुछ ऐसी बात है वो .............

हँसता है कभी रोता है वो कभी
अकेले अकेले खुद में वो खोता है कभी
देखता रहता है वो किसे एकटक दूर कभी
भीड़ में भी रहता है वो मजबूर कभी
कुछ ऐसी बात है वो .............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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