ADD

हर रोज ये सुबह यंहा आती है





हर रोज ये सुबह यंहा आती है

हर रोज ये सुबह यंहा आती है
हर रोज ये शाम यंहा गाती है
किसी को आँसूं किसी को हंसी
ये जिंदगी यूँ ही ना दे जाती है

लेना है तुझे जो भी यंहा ले ले
देना है तुझे जो भी यंहा दे दे
बस बात एक ये तू गांठ ले
प्रेम ही प्रेम तू यंहा बाँट ले

भूल से भी ना तुझ से भूल हो
जो दिया ऊपरवाले ने वो तुझे सब कबूल हो
सब कुछ तुझ पर ही निर्भर है अब
कौन सा लक्ष्य कौन रास्ता तुझे अनकूल हो

तेरी राह पर तेरे पीछे अब और भी चलेंगे
देख उनके सपनों की ना कोई दिशा भूल हो
मेरे देश के कंधो पर कंधा है मेरे गाँव का
देखे तेरे कंधों से अब की बार ना कोई चूक हो

हर रोज ये सुबह यंहा आती है ......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ