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अपने को जब मैं ढूंढने चला,बहुत सुखद शांति होये


अपने को जब मैं ढूंढने चला,बहुत सुखद शांति होये
अपनों को जब मैं ढूंढने चला,बहुत दुखद अशांति होये

ध्यानी
बालकृष्ण डी ध्यानी
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