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चकबंदी चकबंदी चकबंदी


चकबंदी चकबंदी चकबंदी

एक मार्च १ मार्च २०१६ को
मेरे पहाड़ों के लिए मेरे खेत खलिहानों के लिए
चलो गैरसैण हिटो भाई.......... है चकबंदी
मेरे उत्तराखंड के लिए मेरे सपने अपनों के लिए ....चकबंदी
चकबंदी चकबंदी चकबंदी

गाँव गाँव जुड़ेगा एक दूजे से जुड़ेगा
भूमि में सुधार होगा सजेगी मेरी ये सुंदर धरती
अपने को पहले स्वीकारना समझना होगा
खुद को पहले जानना पहचानना होगा
मेरे उत्तराखंड के लिए मेरे सपने अपनों के लिए ....चकबंदी
चकबंदी चकबंदी चकबंदी

खाली खाली हो रहे मेरे गाँव क्यों खाली हो रहे हैं
बिन हल के चलने से मेरे खेत ये बंजर हो रहे हैं
कौन इनकी सूद लेगा कोई ना बाहर का यहां आयेगा
अपने अपनों को अब सोचना और मनाना होगा घर से बाहर आना होगा
मेरे उत्तराखंड के लिए मेरे सपने अपनों के लिए ....चकबंदी
चकबंदी चकबंदी चकबंदी

एक मार्च १ मार्च २०१६ को
मेरे पहाड़ों के लिए मेरे खेत खलिहानों के लिए
चलो गैरसैण हिटो भाई.......... है चकबंदी
मेरे उत्तराखंड के लिए मेरे सपने अपनों के लिए ....चकबंदी
चकबंदी चकबंदी चकबंदी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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