देख बटवे की धार
देख बटवे की धार
सुन क्रेडिट कार्डों ,नोटों की झंकार
बस इस से ही मुझे प्यार
बस इस से ही सबको प्यार
ना जात है ना पात है
बस इसमें ही वो बात है
यही दिन यही धर्म है
जब तक वो मेरे साथ है
जब तक ये साथ चले
सब कुछ मेरे आस पास है
क्या आपने हैं क्या पराये हैं
सब के लिये ये ख़ास है
जिस दिन इसने साथ छोड़ा
कोई ना तब मेरे आस पास है
हूँ अकेला आज कल मैं
पर अब भी सब उसके साथ हैं
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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