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मन मेरो हिंडदू रे






मन मेरो हिंडदू रे

हिंडदू रे .... २ मन मेरो हिंडदू रे
मन मेरो हिंडदू रे तू कैथे
खोजी दे खोली दे
वो मन का गेड़ा ये मेरा (बौल्या मन) .... २
हिंडदू रे .... २ मन मेरो हिंडदू रे .... २

ये अकास को मन अल्झी कभी तू
चखुला बणी कि उडी कबी तू
म्यारा कलम का आखर बणी की ऐजा
अब त मेर पास ऐकि मिथे भेंटि जा
हिंडदू रे.... २ मन मेरो हिंडदू रे .... २

आँखियुं का वा मेरा सुपनिया
रात मां ना देकि मिन देकि दिन मां वो सुपनिया
साकार तू ऐकि वैथे कैरी जा
म्यारो चित्र नि रंगी तू वैथे अब रंगी जा
हिंडदू रे.... २ मन मेरो हिंडदू रे .... २

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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