ये बारी छुट्टी मा बोई
ये बारी छुट्टी मा बोई मिल दून जणा
भौत खैल मिल तेरा हात को रुवाट भात झौल बोई
अब मिल वख जैकी चऔ मियों पिजा बरगर खाण
ये बारी छुट्टी मा बोई मिल देरादून जोंलो ....
भैर लियुंल मिल बी आँखि मा दूँन की रंगमत
कन कन कैन होली रति मा वख दिप दिप की चकमक
सबी धणी घूमी अोंलो अपरि मा मि झूमी की अोंलो
ये बारी छुट्टी मा बोई मिल देरादून जोंलो ......
अपरा भै भैना च क्या वख पता कैरी की अोंलो
शिष्टाचार अव भगत भी मि उंका तपसी की अोलों
कदग प्रित उंकी हम बाण मि आच बोई देकि अोंलो
ये बारी छुट्टी मा बोई मिल देरादून जोंलो ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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