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हे राम हे राम


हे राम हे राम

सुबेर भतिक कि व्हैगे शाम
ना य्ख मिली ना व्ख मिली मिथे तेरो धाम
नि मिली ना बणी रे मेरो काम
क्ख्क लुक्यूं हुलु रे तू मेरो भगवान
हे राम हे राम

देक क्ख्क बी ना तू दिके
देक तेर बाण मिन पूरी ये धरा खोजी दे
फिर बी मेर जियू थे ना मिली आराम
फिरदा रैग्युं मि सरया चारों धाम
हे राम हे राम

शन्ति निच ये अब बी मन मा मेरी
किलै की मिन इनि सुदी मार दी फेरी
गुरु बिना यख ज्ञान नि मिल्दु
भित्र खोजी ले तेर भैर भगवान नि मिल्दु
हे राम हे राम

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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