आ जाओ मेरे गाँवों में .. आ जाओ ना
आ जाओ मेरे गाँवों में ..
मेरे पहाड़ों में ये मेरा घर बार
मेरे मन के साथ और मेरे मन के पास
आ जाओ ना
आ जाओ मेरे गाँवों में
आओ सुनो ना ....मेरी बातें सुनो ना
मेर मन की बात आपके प्रेम के साथ
इन बहारों के साथ इन नजारों के पास
आ जाओ ना
आ जाओ मेरे गाँवों में
चाहे तुम्हे मैं अब इतना पसंद आऊं ना
तुमको अब मैं बस इतना कहने आया हूँ
देख ना कुछ है मेरे साथ सब है इसके पास
आ जाओ ना
आ जाओ मेरे गाँवों में
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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