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मेर अख्युं थे.


मेर अख्युं थे.

मेर अख्युं थे तु किलै रुलांदी । .. २
किलै तु रोज मेरा इन सपनियु मा आंदी ।
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

कन मि जिन्दु यख , जो तेर माया नि हुन्दि । ... २
मेर जिकोदी थे , तू इन माया ना छुअनदी
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

मिथे भी पता च वख बी, तेरो मेर जनी हाल हुलो । ... २
सम्झे मिथे यक्लो मा तुम बि यक्लो मा हुली रुँदि हो।
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

मेर अख्युं थे तु किलै रुलांदी । .. २
किलै तु रोज मेरा इन सपनियु मा आंदी ।
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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