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मेरा पाप


मेरा पाप

मैं अपना पाप
साथ लेके चला .... २
थोड़े से सुख के लिये
मैं कितना दुःख लेके चला
साथ लेके चला .... २

उसे पास करने के लिये
किस से दूर होके चला
जिंदगी भर मुझे
ना इसका पता चला
साथ लेके चला .... २

समझा था सब मैं
ना समझ बनके चला
किसको दिया था धोखा
अब तक ना मिला उसका पता
साथ लेके चला .... २

आँसूं हँस दिये थे
या मैं बस रो कर चला
पूछ जब मैंने अपने से
तब वो चुप ही रहा
साथ लेके चला .... २

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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