बहुत कम लोग होते हैं
बहुत कम लोग होते हैं
जो दूसरों के दुःख में रोते नहीं
तब वो हमदर्द हो जाते हैं
उनकी तकलीफ
उनको अपनी लगती है
तब वो हम पथ हो जाते हैं
यातना में आँसूं गिरना
ये तो सब में आम बात है
तब वो उन्हें टिप जाते हैं
फर्क बस इतना
उन में और बस हम में है
हम भूल जाते है वो काम कर जाते है
बिना किसी लोभ के
वो सत्कर्मी अपने मार्ग में
जीवन के लिये धन्य हो जाते हैं
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ