ऐजा मेरो साथि
कदगा कदगा बोलो मि तैथे
ऐजा मेरो साथि
जेठ बैसाख बीती गैनी
बल अब आषाढ़ की बाती
कदगा कदगा ........
मन मेरो नि लगदो साथी
बल ऐकि दबाई तू कैजै
बुरांस फूली काफल पाकि यख
हिंसोल यूँ हाथों न खैजै
कदगा कदगा ........
तेर मेर प्रित ईनि च
जनि मि उकाली तू उंदारी
बारी बारी ऐगे सबी रितू यख
तैर ही बस अब ऐने की बारी
कदगा कदगा ........
ऐ फूलों की घाटी च तै बना
ये उजाड़ पहाड़े की ऐ दाती
बूढरि व्हैजण सै पैली साथी
ऐजा तू मिथे भेंटि
कदगा कदगा ........
ऐ जुनेली राता थे अब तू
बल इतगा ऐकि अब समजा दे
आँख्युमा थे आंसू भूले की
ईनकी ऊ निंदी तू पैठे दे
कदगा कदगा ........
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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