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खो ना जाऊं कंही




खो ना जाऊं कंही

खो ना जाऊं कंही .... २
इन वादियों में मैं कंही
तेरी इन हसीन वादियों में मैं कंही
खो ना जाऊं कंही .... २

ले चल तू मुझे
पास अपने साथ अपने मुझे
बुला रहा है तू मुझे
पास अपने साथ अपने मुझे
खो ना जाऊं कंही .... २

मंजिलें है मेरी मेरा है ये सफर
बस तू ही तू मेरा और कोई नही
पाने को मचल रहा हूँ मैं तुम्हे
बस तू ही तू मेरा और कोई नही
खो ना जाऊं कंही .... २

बाहें फैला ले तू
आ रहा हूँ मैं पास तेरे साथ तेरे
मेरा मुकदर है तू तुझे पाने
आ रहा हूँ मैं पास तेरे साथ तेरे
खो ना जाऊं कंही .... २

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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