मैं तो ऐसा ही हूँ
ना बीती बातों को लेकर बैठा हूँ मैं
ना बीती उन रातों को लेकर बैठा हूँ मैं
ना इतंजार किसी का करते बैठा हूँ मैं
ना किसी से प्यार करते बैठा हूँ मैं
ना अकेलेपन से अकेले लड़ते बैठा हूँ मैं
ना यूँ घुट घुट के अकेले मरते बैठा हूँ मैं
आज और इस पल में यूँ ही जीता हूँ मैं
अब आप ही बता दो कैसे रहता हूँ मैं
मैं तो ऐसा ही हूँ और आप ?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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