ADD

आज का उत्तराखंड


आज का उत्तराखंड

आज का उत्तराखंड
बन रहा है खंड खंड खंड
हो रहा है रिक्त पहाड़
मैदान भरा है खचा खच
आज का उत्तराखंड

जिसको था जो मिला
उसने उससे लिया हाथ मिला
किस को घोड़े की लगाम मिली
किसी को उसकी टांग मिली
आज का उत्तराखंड

खाकी लिबास ओढ़ लिया है
उस गाँधी को कंही छोड़ दिया है
चरखा अब बंद बंद लगता है
वो नज़ारा अब साफ़ साफ़ दिखता है
आज का उत्तराखंड

गाँव की पीड़ा कौन सुने
जहाँ स्मार्टसिटी का सपना पलता है
ढोल दामू अब लुप्त जो होने लगे
जब डीजै वाला बाबू जोर से बजता है
आज का उत्तराखंड

अपना कौन सब अब पराये हैं
मुसाफिरखाना समझ सब आये जाये है
बूढी आँखों में जो सपना अब भी जीता है
वो युवा अब कंही दूर ही बसता है
आज का उत्तराखंड

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ