भाग ४०
सुबेर-सुबेर घपरोल
" आजो गढवालि चुटकला" "
(करवा चौथ अर सुबेर-सुबेर घपरोल)श्रीमती जी," स्यू म्यार मोबाइल कैबरिं बिटि टर्र- टर्र लग्यूं ,उठै नि सकद क्या?"श्रीमान जी," मि किले उठों। तू ही त बुल्दि -खबरदार जू म्यार मोबाइल पर हथ लगै त।"श्रीमती जी," दिखणा नि छाव ।म्यार हथ पर मेंहदी लगिं। करवा चौथ क व्रत च म्यार आज। तुमारि जिंदगी सवाल च।"श्रीमान जी," सुदि नखराट , नै साड़ी लाणा खुणि। हमार यख ति नि मणैंद करवा चौथ। आफिक उठो आपर फून।" श्रीमती," दुबार बजि ग्याइ। स्पीकर आन कारा झट्ट। म्यार पिताजी क फून च आणु ।"श्रीमान जी ," ले ! अर कैरि लि बात। सुबेर -सुबेर ये बुढ्या क बि काम न काज। जन बुलैं प्रधानमंत्री फोन ह्वा आयुं ।"श्रीमती जी," पिताजी प्रणाम। धरमू ब्यौ मा एक हफता पैलि आई जैन। यूं पर त कुछ अकल नि। सब तुमन हि दिखण। कारड मिलि ग्याई न ।"- कारड त मिलि ग्याइ बेटा। पर मिखुणि त निमंत्रण ही नि। त्यार भुला क नाम लिख्यूं वखमा बल । सपरिवार बि नि लिख्यूं । हिलो, हिलो, . . श्रीमती जी," फिर कटि ग्याई जणि। पिताजी हिलो,हिलो ,हिलो लग्यां छन। इना सुणो तुम पर अकल छा कि नि। आपर धरमू ब्यौ मा तुमन म्यार पिताजी तैं नि बुल्याई।"श्रीमान जी," ब्यौला ममा बुलाण जरुरी छ्याइ। बुढ्या क क्या काम। वनि भि बारात कम जाण।कोरोना कारण सरकारी निर्देश छन। लड़िक बुल्ये त याल बुड्या क।"श्रीमती जी," अच्छा तुमार बि क्या काम बरात मा। लड़िक जाणू त च ब्यौला बणिक। तुम घारम राव पर म्यार पिताजी खुणि फोन कैरिक एक हफ्ता पैलि बुलाव।वा आपरि पातर बौ त खूब लिजाणा छवा बरात मा।"श्रीमान जी," हैं! फिर तू पुष्पा बौ तैं बीच मा नि घसिट। रुप्या मि खर्च कोरु अर मि बरात मा नि जौं। कार्ड मा म्यार नाम छप्यूं । धरमू -सन आफ श्रीमान ।"श्रीमती जी," क्वी बात नि । म्यार धरमू दूसर कार्ड छपवै द्य्याल -धरमू नाति आफ श्री . . श्रीमान जी," तू हि त बुलदि हमारु धरमू बोल्या करो। निथर मि आपर नाम भि नि छपौंद कारड मा।मिन त कुछ भि नि ब्वाल . . . .
(करवा चौथ अर सुबेर-सुबेर घपरोल)
श्रीमती जी," स्यू म्यार मोबाइल कैबरिं बिटि टर्र- टर्र लग्यूं ,उठै नि सकद क्या?"
श्रीमान जी," मि किले उठों। तू ही त बुल्दि -खबरदार जू म्यार मोबाइल पर हथ लगै त।"
श्रीमती जी," दिखणा नि छाव ।म्यार हथ पर मेंहदी लगिं। करवा चौथ क व्रत च म्यार आज। तुमारि जिंदगी सवाल च।"
श्रीमान जी," सुदि नखराट , नै साड़ी लाणा खुणि। हमार यख ति नि मणैंद करवा चौथ। आफिक उठो आपर फून।"
श्रीमती," दुबार बजि ग्याइ। स्पीकर आन कारा झट्ट। म्यार पिताजी क फून च आणु ।"
श्रीमान जी ," ले ! अर कैरि लि बात। सुबेर -सुबेर ये बुढ्या क बि काम न काज। जन बुलैं प्रधानमंत्री फोन ह्वा आयुं ।"
श्रीमती जी," पिताजी प्रणाम। धरमू ब्यौ मा एक हफता पैलि आई जैन। यूं पर त कुछ अकल नि। सब तुमन हि दिखण। कारड मिलि ग्याई न ।"
- कारड त मिलि ग्याइ बेटा। पर मिखुणि त निमंत्रण ही नि। त्यार भुला क नाम लिख्यूं वखमा बल । सपरिवार बि नि लिख्यूं । हिलो, हिलो, . .
श्रीमती जी," फिर कटि ग्याई जणि। पिताजी हिलो,हिलो ,हिलो लग्यां छन। इना सुणो तुम पर अकल छा कि नि। आपर धरमू ब्यौ मा तुमन म्यार पिताजी तैं नि बुल्याई।"
श्रीमान जी," ब्यौला ममा बुलाण जरुरी छ्याइ। बुढ्या क क्या काम। वनि भि बारात कम जाण।कोरोना कारण सरकारी निर्देश छन। लड़िक बुल्ये त याल बुड्या क।"
श्रीमती जी," अच्छा तुमार बि क्या काम बरात मा। लड़िक जाणू त च ब्यौला बणिक। तुम घारम राव पर म्यार पिताजी खुणि फोन कैरिक एक हफ्ता पैलि बुलाव।वा आपरि पातर बौ त खूब लिजाणा छवा बरात मा।"
श्रीमान जी," हैं! फिर तू पुष्पा बौ तैं बीच मा नि घसिट। रुप्या मि खर्च कोरु अर मि बरात मा नि जौं। कार्ड मा म्यार नाम छप्यूं । धरमू -सन आफ श्रीमान ।"
श्रीमती जी," क्वी बात नि । म्यार धरमू दूसर कार्ड छपवै द्य्याल -धरमू नाति आफ श्री . .
श्रीमान जी," तू हि त बुलदि हमारु धरमू बोल्या करो। निथर मि आपर नाम भि नि छपौंद कारड मा।
मिन त कुछ भि नि ब्वाल . . . .


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