भाग ५६
सुबेर-सुबेर घपरोल
" आजो गढवालि चुटकला" "
श्रीमान जी," ब्यालि बिखुनि ब्वारी मैत बिटी आंद ही एक थैला त्यार सामणि छुटैक सीधा पुष्पा बौक ध्वार किले ग्याई? शायद जया मैड क बारा मा बात करणो।अर त्यार स्यू मास्क किले पैरुं रंग बिरेंगी?श्रीमती जी,"बरात्यूंक सिलाईं छ्या बल पच्चीस मास्क इकसानी समधी जीक ।पिठे लगांद दफै दीण छ्याइ सब्यूं तैं । पर वै दर्जी न टैम से नि द्य्याई . तब अब भिजणा छन समधी जी मिखुणी। वे थैला पर पच्चीस मास्क छन।"श्रीमान जी," ठिक कार। रोज सुबेर इनि पैरिक आणि रौ म्यार सामणी। कम से कम तेरी शकल त नि दिखेल सुबेर-सुबेर। फिर रोज घपरोल।"श्रीमती जी," क्य मतबल? श्रीमान जी," अरे मि रोज झसके जांदू बगैर मेकअप क तेरी शकल देखिक निथर।"श्रीमती जी," आपर वीं पातर पुष्पा बौ तै दे द्याव यूं मास्क, ज्वा तुमते जादा हि हेमा मालिनी लगदी। धरमू ब्वारी बि खड़ नि ह्वाइ अबि। आज फैसला व्हैक राऽलू।"श्रीमान जी," क्यांक फैसला? कि तू मैत कब जाणि छै। पर मिन त कुछ नि ब्वाल भै. . .
श्रीमान जी," ब्यालि बिखुनि ब्वारी मैत बिटी आंद ही एक थैला त्यार सामणि छुटैक सीधा पुष्पा बौक ध्वार किले ग्याई? शायद जया मैड क बारा मा बात करणो।
अर त्यार स्यू मास्क किले पैरुं रंग बिरेंगी?
श्रीमती जी,"बरात्यूंक सिलाईं छ्या बल पच्चीस मास्क इकसानी समधी जीक ।पिठे लगांद दफै दीण छ्याइ सब्यूं तैं । पर वै दर्जी न टैम से नि द्य्याई . तब अब भिजणा छन समधी जी मिखुणी। वे थैला पर पच्चीस मास्क छन।"
श्रीमान जी," ठिक कार। रोज सुबेर इनि पैरिक आणि रौ म्यार सामणी। कम से कम तेरी शकल त नि दिखेल सुबेर-सुबेर। फिर रोज घपरोल।"
श्रीमती जी," क्य मतबल?
श्रीमान जी," अरे मि रोज झसके जांदू बगैर मेकअप क तेरी शकल देखिक निथर।"
श्रीमती जी," आपर वीं पातर पुष्पा बौ तै दे द्याव यूं मास्क, ज्वा तुमते जादा हि हेमा मालिनी लगदी। धरमू ब्वारी बि खड़ नि ह्वाइ अबि। आज फैसला व्हैक राऽलू।"
श्रीमान जी," क्यांक फैसला? कि तू मैत कब जाणि छै। पर मिन त कुछ नि ब्वाल भै. . .


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