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भाग २८ घपरोल

भाग२८ 

सुबेर-सुबेर घपरोल

" आजो गढवालि चुटकला" "

श्रीमान जी," जर्रा, आपर फोन बैटरी दे। म्यार फोनो बैटरी चार्ज ही नि हुणी "
श्रीमती जी," किले, म्यार फोनो बैटरी कनके लगण।"
श्रीमान जी," अरे इकु मोडल, इकु कंपनी। लगि जाण। द्वी फोन मि त ले छाई दगड़ी।"
श्रीमती जी," बिलकुल ना, उम्र अर मेल- फिमेल कू फर्क भी त हुंद व्हाल। छा त हम द्वी गढवालि पर फिर भी मति मा फर्क छा कि ना। म्यार फून क दिमाग भी खराब ह्वै जालू "
श्रीमान जी," हे भगवान. ठीक च मि नै बैटरी लि आंदु। बैटरी क्या फुन ही लेकि आंदु " आई- फोन" ।
श्रीमती जी," ल्या पकड़ो यीं बैटरी । वे आई- फोन "मि ही चलोल। तुमन वू भी खराब कैरि दिण।"
श्रीमान जी," मेरी भी मति खराब ह्वै जू नै फोन लाणो बात कैरि।"
श्रीमती जी," मति ह्वा त खराब ह्वैलि।"
श्रीमान," मिन त कुछ नि बोलि। जू तू फिर मति क बात करणि छै।"

विश्वेश्वर प्रसाद-(सिलस्वाल जी)

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