भाग ३०
सुबेर-सुबेर घपरोल
" आजो गढवालि चुटकला" "
श्रीमान जी," अरे यार गाड़ी खराब च बल ।स्यू त्यार धर्मू बुनु। मि सब्जी लिणा जाणू साइकिल मा। वू पंप कख च । हवा भुन छ्याई जरा।"श्रीमती जी,_" मि नि पता। वीं पातर पुष्पा बौ घार जावादि। ज्वा रोज तुम पर हवा भरणि रैंद। त साइकिल पर नि भौरि सकदि।"श्रीमान जी,_" हे भगवान" ।
श्रीमान जी," अरे यार गाड़ी खराब च बल ।स्यू त्यार धर्मू बुनु। मि सब्जी लिणा जाणू साइकिल मा। वू पंप कख च । हवा भुन छ्याई जरा।"
श्रीमती जी,_" मि नि पता। वीं पातर पुष्पा बौ घार जावादि। ज्वा रोज तुम पर हवा भरणि रैंद। त साइकिल पर नि भौरि सकदि।"
श्रीमान जी,_" हे भगवान" ।


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