भाग ६५
सुबेर-सुबेर घपरोल
" आजो गढवालि चुटकला" "
श्रीमान जी," ओह। प्याट लगि ग्या म्यार त। फिकी चा बणै मैंखुणि। बगैर दूध। जर्रा निम्बू निछोड़ दे वख मा।"श्रीमती जी,"पर पैलि इन्न त बतौ कि बगल मा तुमार कू छै बैठीं पिक्चर हौल मा।"श्रीमान जी,"त्यार कपाऽल। यख म्यार प्राण जाणा दस्तों न अर वीं तै पिक्चरो लगिं। जा नि बतौणो मिन। क्या करण तिन । पूछि ली पुष्पा बौ तै।"श्रीमती जी,"अब निकलि ग्या न नाम गिच्ची बिटीक अहा "पुष्पा बौ" ।श्रीमान जी,"हाँ पर। हौर कू छ्याइ म्यार दगड़। या बात त बतै ही नि ह्वैलि वीं भुलिन नेगी जीक घरवालिन ।"श्रीमती जी,"कू छ्याइ. ताणी नि द्य्याव जादा। कखि सुलार . . ।श्रीमान जी ," अब मि बतौल त सीधा मैत भागलि फिर। जादा धमकी दीणी छै मिते।"श्रीमती जी,"अर तुम द्वी कोर्ट मा किले गै छ्याइ वेदिन पिक्चर दिखण से पैलि। अर आफिस मा फोन कार कि "आज मेरे दादा जी का श्राद्ध है तो आफिस नहीं आऊंगा।" घार मा त एक नम्बर कू झूठ आदिम अर आफिस मा भि झूठू।"श्रीमान जी,"समझि ग्यों मि। आफिस की खबर बि वे नेगी कू बच्चा न दे ह्वैलि। वू भि त वखि छ्याइ म्यार आफिस मा वैबरीं टेलीफोन आपरेटर डिपूटेशन पर।"श्रीमती जी,"त नेगी भुलों नि बतौण छै आपरी जनानि तैं। तुमार सी तरां नि वू भुला आलि-जाऽलि। म्यार भांगलू डाऽलिक बणै मूलाऽ क भुजि अर चूनू क घी लग्यां र्वटी भि तुमन वीं पातर पुष्पा बौ तैं खिलेन कोर्ट कैंटिन मा पटियाला हाऊस मा।"श्रीमान जी,"त सर्रा खाणि पीणी कथा बि सुणै वै नेगी कू बच्चा न। कबि मिलाल त वैक खबर नि ल्याइ त मि भि आपर सुसरो क जवैं नि छौं ।"श्रीमती जी," म्यार बुबो कसम किले खाणा छौ वीं पातर क चक्कर मा। पर हौर कू छ्याई तुमार दगड़ वू त बतावा जरा सच सच।"श्रीमान जी ," भौल बतौल। तीन दिन मिते भि परेशान कर्यूं छ्याइ त्यार। अब भौल तू सूणी मैत नि भागि त देखि ले फिर।बाकी मिन त कुछ नि ब्वाल भै।
श्रीमान जी," ओह। प्याट लगि ग्या म्यार त। फिकी चा बणै मैंखुणि। बगैर दूध। जर्रा निम्बू निछोड़ दे वख मा।"
श्रीमती जी,"पर पैलि इन्न त बतौ कि बगल मा तुमार कू छै बैठीं पिक्चर हौल मा।"
श्रीमान जी,"त्यार कपाऽल। यख म्यार प्राण जाणा दस्तों न अर वीं तै पिक्चरो लगिं। जा नि बतौणो मिन। क्या करण तिन । पूछि ली पुष्पा बौ तै।"
श्रीमती जी,"अब निकलि ग्या न नाम गिच्ची बिटीक अहा "पुष्पा बौ" ।
श्रीमान जी,"हाँ पर। हौर कू छ्याइ म्यार दगड़। या बात त बतै ही नि ह्वैलि वीं भुलिन नेगी जीक घरवालिन ।"
श्रीमती जी,"कू छ्याइ. ताणी नि द्य्याव जादा। कखि सुलार . . ।
श्रीमान जी ," अब मि बतौल त सीधा मैत भागलि फिर। जादा धमकी दीणी छै मिते।"
श्रीमती जी,"अर तुम द्वी कोर्ट मा किले गै छ्याइ वेदिन पिक्चर दिखण से पैलि। अर आफिस मा फोन कार कि "आज मेरे दादा जी का श्राद्ध है तो आफिस नहीं आऊंगा।" घार मा त एक नम्बर कू झूठ आदिम अर आफिस मा भि झूठू।"
श्रीमान जी,"समझि ग्यों मि। आफिस की खबर बि वे नेगी कू बच्चा न दे ह्वैलि। वू भि त वखि छ्याइ म्यार आफिस मा वैबरीं टेलीफोन आपरेटर डिपूटेशन पर।"
श्रीमती जी,"त नेगी भुलों नि बतौण छै आपरी जनानि तैं। तुमार सी तरां नि वू भुला आलि-जाऽलि। म्यार भांगलू डाऽलिक बणै मूलाऽ क भुजि अर चूनू क घी लग्यां र्वटी भि तुमन वीं पातर पुष्पा बौ तैं खिलेन कोर्ट कैंटिन मा पटियाला हाऊस मा।"
श्रीमान जी,"त सर्रा खाणि पीणी कथा बि सुणै वै नेगी कू बच्चा न। कबि मिलाल त वैक खबर नि ल्याइ त मि भि आपर सुसरो क जवैं नि छौं ।"
श्रीमती जी," म्यार बुबो कसम किले खाणा छौ वीं पातर क चक्कर मा।
पर हौर कू छ्याई तुमार दगड़ वू त बतावा जरा सच सच।"
श्रीमान जी ," भौल बतौल। तीन दिन मिते भि परेशान कर्यूं छ्याइ त्यार।
अब भौल तू सूणी मैत नि भागि त देखि ले फिर।
बाकी मिन त कुछ नि ब्वाल भै।


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