भाग ६६
सुबेर-सुबेर घपरोल
" आजो गढवालि चुटकला" "
श्रीमती जी," स्यू तुमार हथ पर क्या च ?"श्रीमान जी ," माचिसो तिल्ली ।"श्रीमती जी ,"वू त मि भि दिखणु छौं । पर क्य काम आंद माचिसो तिल्ली।"श्रीमान जी ," आग लगाणौ । हौर क्यांकु ।श्रीमती जी,"त तुम कंदोड़ पुटक किलै छिराणा छवां वीं तिल्ली । जू आग लगि जाऽलि।" श्रीमान जी,"आग त रोज लगदि म्यार कंदुड़ पर तैरि करकर,चरचर ककड़ाट सुणि सुबेर-सुबेर ।कंदुड़ साफ कन्नु छौं मि।"श्रीमती जी,"चलो,विश्वास ह्वै ग्याइ अब मिते कि कंदुड़ साफ ह्वै गैन । निथर कुछ ब्वालो तो दस बेर लग्यां रंदान साब - क्य,क्या,फिर से बोल ।"श्रीमान जी,"तेरी जुबान भि त कैंची तराँ चलदि चर चर चर। साफ त कुछ सुणैद हि नि। उगल फटाफट। क्य पूछण चाणि छै?"श्रीमती जी,"यू त साबित ह्वै ग्याइ कि वैदिन पिक्चर हौल मा तुमार दगड़ वा तुमारि पातर पुष्पा बौ छै दिखणी,"हम आपके हैं कौन "। पर तुम बतौणो छ्याइ कि द्वी हौर छ्याइ। कू छ्याइ वू।"श्रीमान जी,"नि बतौणौ ! बतौल त यीं शर्त पर कि पुष्पा बौ अर वा तेरी खबरी कल्पा नेगी भुल्लि भि जब आमणि सामणि व्हैल। तब चितेल कि कैक खुटिक ताऽल धरती खिसकदि।छा हिम्मत पुष्पा बौ सामणि इन वकालत करणौ.। जन मिते छै पुछणी। क्य बणि वकिलाण ।"( ब्वारिक प्रवेश)ब्वारि," अरे मम्मी जी आप सुबह -सुबह कितना चिल्लाती हैं. हमारी भी नींद खराब हो जाती है।पापा जी , वो पुष्पा ताई का भी अभी मुझे फोन आया था कि आज कोर्ट में बुलाया है आपको।"श्रीमती जी," हैं क्य कार तुमन । जू वा तुमते कोर्ट मा खिंचणी ?"ब्वारि,"मम्मी जी, आपको कुछ पता तो होता नहीं और हल्ला मचाना शुरु कर देती हो।कोई दो तीन साल पुराना कोर्ट केस है जिसमें पापा जी गवाह थे और इन लोगों ने पिक्चर भी देखी थी एक पेशी पर"हम आपके हैं कौन"। ताई जी ने मुझे सारी बात बताई थी एक दिन।".श्रीमती जी,"कन बिजोग प्वाड़। वा पातर त सब छ्वीं नै ब्वारि तैं भि बतौणी।"ब्वारि जी," मैं तो ये आपकी बनाई चाय पीकर फिर सो जाती हूँ। अपने लिये फिर बना लेना। थैंक यू ।"(ब्वारि चाय कप लेकर अपने कमरे में चली)श्रीमती जी,"मेरि दूध हि दूधो चा बणै छ्याइ द्वी मग्गा भौरिक बिण्डि चिनि डाऽलिग।ब्वारि चा त क्य बणैल हमार बणै भि नि पीण दिणी। क्य भकलै वीं तुमारि पुष्पा बौ न मेरि ब्वारि नै नै।"श्रीमान जी,"ले अब खा माछा। अब त ब्वारि तै भि सब पता चलि ग्याइ कि कू कू छ्याइ पिक्चर हौल मा। अब ब्वारि तैं हि पूछि ले कैदिन। तब चितेैल। तब भागिल मैत।पर मिन त कुछ नि ब्वाल।
श्रीमती जी," स्यू तुमार हथ पर क्या च ?"
श्रीमान जी ," माचिसो तिल्ली ।"
श्रीमती जी ,"वू त मि भि दिखणु छौं । पर क्य काम आंद माचिसो तिल्ली।"
श्रीमान जी ," आग लगाणौ । हौर क्यांकु ।
श्रीमती जी,"त तुम कंदोड़ पुटक किलै छिराणा छवां वीं तिल्ली । जू आग लगि जाऽलि।"
श्रीमान जी,"आग त रोज लगदि म्यार कंदुड़ पर तैरि करकर,चरचर ककड़ाट सुणि सुबेर-सुबेर ।कंदुड़ साफ कन्नु छौं मि।"
श्रीमती जी,"चलो,विश्वास ह्वै ग्याइ अब मिते कि कंदुड़ साफ ह्वै गैन । निथर कुछ ब्वालो तो दस बेर लग्यां रंदान साब - क्य,क्या,फिर से बोल ।"
श्रीमान जी,"तेरी जुबान भि त कैंची तराँ चलदि चर चर चर। साफ त कुछ सुणैद हि नि। उगल फटाफट। क्य पूछण चाणि छै?"
श्रीमती जी,"यू त साबित ह्वै ग्याइ कि वैदिन पिक्चर हौल मा तुमार दगड़ वा तुमारि पातर पुष्पा बौ छै दिखणी,"हम आपके हैं कौन "। पर तुम बतौणो छ्याइ कि द्वी हौर छ्याइ। कू छ्याइ वू।"
श्रीमान जी,"नि बतौणौ ! बतौल त यीं शर्त पर कि पुष्पा बौ अर वा तेरी खबरी कल्पा नेगी भुल्लि भि जब आमणि सामणि व्हैल। तब चितेल कि कैक खुटिक ताऽल धरती खिसकदि।
छा हिम्मत पुष्पा बौ सामणि इन वकालत करणौ.। जन मिते छै पुछणी। क्य बणि वकिलाण ।"
( ब्वारिक प्रवेश)
ब्वारि," अरे मम्मी जी आप सुबह -सुबह कितना चिल्लाती हैं. हमारी भी नींद खराब हो जाती है।
पापा जी , वो पुष्पा ताई का भी अभी मुझे फोन आया था कि आज कोर्ट में बुलाया है आपको।"
श्रीमती जी," हैं क्य कार तुमन । जू वा तुमते कोर्ट मा खिंचणी ?"
ब्वारि,"मम्मी जी, आपको कुछ पता तो होता नहीं और हल्ला मचाना शुरु कर देती हो।कोई दो तीन साल पुराना कोर्ट केस है जिसमें पापा जी गवाह थे और इन लोगों ने पिक्चर भी देखी थी एक पेशी पर"हम आपके हैं कौन"। ताई जी ने मुझे सारी बात बताई थी एक दिन।"
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श्रीमती जी,"कन बिजोग प्वाड़। वा पातर त सब छ्वीं नै ब्वारि तैं भि बतौणी।"
ब्वारि जी," मैं तो ये आपकी बनाई चाय पीकर फिर सो जाती हूँ। अपने लिये फिर बना लेना। थैंक यू ।"
(ब्वारि चाय कप लेकर अपने कमरे में चली)
श्रीमती जी,"मेरि दूध हि दूधो चा बणै छ्याइ द्वी मग्गा भौरिक बिण्डि चिनि डाऽलिग।ब्वारि चा त क्य बणैल हमार बणै भि नि पीण दिणी। क्य भकलै वीं तुमारि पुष्पा बौ न मेरि ब्वारि नै नै।"
श्रीमान जी,"ले अब खा माछा। अब त ब्वारि तै भि सब पता चलि ग्याइ कि कू कू छ्याइ पिक्चर हौल मा। अब ब्वारि तैं हि पूछि ले कैदिन।
तब चितेैल। तब भागिल मैत।
पर मिन त कुछ नि ब्वाल।


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