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भाग ५८घपरोल

भाग५८ 

सुबेर-सुबेर घपरोल

" आजो गढवालि चुटकला" "

श्रीमान जी," ले फुण्ड पकड़ यूं आपर सात मास्क ।"
श्रीमती जी," तुम अबि यखम हि पसर्यां छवा.तुमते त वीं तुमार हेमामालिनी पुष्पा बौक घार भेजि छ्याइ मिन यी मास्क दिणो।"
श्रीमान जी,"अरे त्यार कपाल। गे कनि छौं पर मिन आपर कपाल फुट्याण छ्याइ वख।घपरोल ह्वूं वख।"
श्रीमती जी," कैन कार वख घपरोल। द्वी लडिक त वींक होस्टल मा भर्ती करायां ड्यारदून . अर जिठाजी बोर्डर पर फौज मा।"
श्रीमान जी,"अरे वू फौजी भैजी रामसू छुट्टी पर आंयू शायद। जोर -जोर क आवाज औणि छै.
मि त डैरिक भागिक घार आइ ग्यों।"
श्रीमती जी,"ठिक व्हाई। जादा ही घुमक्कड़ बणि छै. हर ब्यौ बरात मा नाचणो । क्या आवाज औणि छै वूंक भितर बिटी.कुछ त सुणि जरुर ह्वाल तुमन।"
श्रीमान जी," भुना छ्याई बल क्वी जरुरत नि अब धरमू कौंक घार जाणो।अर बातचित करणो बि।जब ब्यौ मा हि नि बुलै। यू सब त्यार कारण।"
श्रीमती जी," अब प्यौ बौ क बणै अदरको चा. क्य बुल्दान बल"अब खा माछा"।
श्रीमान जी," सिन बात नि। बिचारी पुष्पा बौ त मेरी तारीफ़ करणी छै भैजी मा कि,"वू द्य्यूर नि हुंद त विन भुखि मोरी जाण छै कोरोना काल मा। सर्रा राशन पाणी सरणौ रै लाकडाऊन मा।
पर वैक ब्वारी च बल भारी चंण्ड. . . . । नि बुलणा मिन। म्यार गिच बि सुबेर-सुबेर खराब ह्वै जाण।"
श्रीमती जी," मिते सब पता च. किले छै वा पातर तुमारी तारिफ़ करणी। गिच्चू नि खुलाव म्यार अब।"
श्रीमान जी," क्या मतबल। दुन्या त सड़कों पर गरीबो सेवा करणि रै।राशन पाणी बंटणी छै। अगर मिन बि आपर पड़ोसी धरम निभै त क्या गलत कार।"
श्रीमती जी,"सर्रा धरमू क ब्यौ खुणि जुड़ी राशन वींक ध्वार पौंचणि रै। मिते पता नि क्या। वू त लाकडाऊन कारण ब्यौ ऐथर बढै समधी जीन. निथर तब खांदि वा।
श्रीमान जी," अर तिन तब बि ब्यौ मा नि बुलाणि द्याइ बौ तै।"
श्रीमती जी,"तुम वीं तै बुलांद त मि मैत भागि जांदू। कैक ब्यौ अर कैकु क्या।"
श्रीमान जी," अब क्या ह्वै। अबि भागि जा मैत। बत्तीस साल व्है गैन सुणद-सुणद.
पर मिन त कुछ नि बोली. . . .

विश्वेश्वर प्रसाद-(सिलस्वाल जी)

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