भाग ४७
सुबेर-सुबेर घपरोल
" आजो गढवालि चुटकला" "
श्रीमती जी," क्या ह्वाई. क्या छा इकहाड़ ह्वैक पुड़्यां. धरमू अर् ब्वारी न द्वार बाटू खुणि जाण . एक मिठेक डब्बा त लावा बजार बिटी।"श्रीमान जी," म्यार कमर दुखणू. मि नि जाणू. थकि ग्यों मि। मिठे डब्बा दस पुण्या छन.जू ब्यौ मा आयां छन. वख मान ही भेजि देदी. अचक्याल कैकि घर दीण भि मुश्किल।"श्रीमती जी," क्यान दुखणू कमर. एक ठुमका त म्यार धरमू ब्यौ मा लगाई नि छन. बस वै खालि आफिसो बैग लटके रिटणा छ्याई जन बुलेंद कथका रुप्या भर्यां छन. इक्कीस त कुल परिवारो बराती छ्याइ त क्यांक रगराहट छ्याई."श्रीमान जी," मिन कुछ नि कन अब. बस मेरि जिम्मेदारी खतम. तू जाणि अर त्यार धरमू अर ब्वारि. मि त बस अब गौं जाणू छौ. "श्रीमती जी," अच्छा . वू त मि मैत चलि जांदू आपर भै क दगड़ वे होटल मान ही जख धरमू क ब्यौ छ्याई पर टैक्सी ड्राइवर मना कैरी कि द्वी से जादा नहीं बिठाते." यू धरमू द्वार बाट कैरिक जैदिन ही आलू मिखूणि गाड़ी कैरि देन मैत जाणू. मि एक दिन नि रुक्यण्या।श्रीमान जी," बत्तीस साल बिटिक सुणो छौं ये डायलॉग . अबि जा. ब्यौक पैलि दिन भि चिल्लाणी छै . मिन त मैत चलि जाण."श्रीमती जी," वू त व तुमार पुष्पा बौ नि छै बरात मा कोरोना निर्देशो कारण कि पच्चीस से जादा बराती नि ह्वै सकद. निथर मिन चलि जाण छ्याइ."श्रीमान जी," फिर तू वीं विचारी बौ तें बीच मा किले लाणी छै. मिन त कुछ भि नि ब्वाल. . .
श्रीमती जी," क्या ह्वाई. क्या छा इकहाड़ ह्वैक पुड़्यां. धरमू अर् ब्वारी न द्वार बाटू खुणि जाण . एक मिठेक डब्बा त लावा बजार बिटी।"
श्रीमान जी," म्यार कमर दुखणू. मि नि जाणू. थकि ग्यों मि। मिठे डब्बा दस पुण्या छन.जू ब्यौ मा आयां छन. वख मान ही भेजि देदी. अचक्याल कैकि घर दीण भि मुश्किल।"
श्रीमती जी," क्यान दुखणू कमर. एक ठुमका त म्यार धरमू ब्यौ मा लगाई नि छन. बस वै खालि आफिसो बैग लटके रिटणा छ्याई जन बुलेंद कथका रुप्या भर्यां छन. इक्कीस त कुल परिवारो बराती छ्याइ त क्यांक रगराहट छ्याई."
श्रीमान जी," मिन कुछ नि कन अब. बस मेरि जिम्मेदारी खतम. तू जाणि अर त्यार धरमू अर ब्वारि. मि त बस अब गौं जाणू छौ. "
श्रीमती जी," अच्छा . वू त मि मैत चलि जांदू आपर भै क दगड़ वे होटल मान ही जख धरमू क ब्यौ छ्याई पर टैक्सी ड्राइवर मना कैरी कि द्वी से जादा नहीं बिठाते." यू धरमू द्वार बाट कैरिक जैदिन ही आलू मिखूणि गाड़ी कैरि देन मैत जाणू. मि एक दिन नि रुक्यण्या।
श्रीमान जी," बत्तीस साल बिटिक सुणो छौं ये डायलॉग . अबि जा. ब्यौक पैलि दिन भि चिल्लाणी छै . मिन त मैत चलि जाण."
श्रीमती जी," वू त व तुमार पुष्पा बौ नि छै बरात मा कोरोना निर्देशो कारण कि पच्चीस से जादा बराती नि ह्वै सकद. निथर मिन चलि जाण छ्याइ."
श्रीमान जी," फिर तू वीं विचारी बौ तें बीच मा किले लाणी छै. मिन त कुछ भि नि ब्वाल. . .


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